हिमाचल प्रदेश के कुछ सबसे प्रसिद्ध मंदिर

देव भूमि दर्शन

ब्रजेश्वरी मंदिर नगरकोट शहर में स्थित है, जो भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक है।भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।  इस मंदिर में मकर सक्रांति का त्यौहार बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

ब्रिजेश्वरी मंदिर

यह लोकप्रिय तीर्थस्थल काँगड़ा से 30 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैI गर्भगृह  के मध्य में एक कुंड है जहाँ ज्वाला अन्नंत काल से प्रज्वलित हो रही है,  इसी ज्वाला की माता के रूप में पूजा का विधान हैI

ज्वालामुखी मंदिर

हमीरपुर में बाबा बालकनाथ मंदिर हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। इसे इस क्षेत्र के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। गुफा में एक मूर्ति है और इसे बाबाजी का निवास माना जाता है।

बाबा बालक नाथ  मंदिर

हिमाचल के सोलन में जटोली शिव मंदिर स्थित है। यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। दक्षिण-द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर को बनने में करीब 39 साल का समय लगा। जटोली शिव मंदिर सोलन से करीब सात किलोमीटर दूर है।

जटोली शिव मंदिर

चंबा जिले में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पांरपरिक वास्तुकारी और  मूर्तिकला का उत्कृष्‍ट उदाहरण है. चंबा के छह प्रमुख मंदिरों में से यह  मंदिर सबसे विशाल और प्राचीन है. यह मंदिर हजारों साल पुराना है. भगवान  विष्णु को समर्पित हैं |

लक्ष्मी नारायण मंदिर

चामुंडा देवी का यह पहाड़ी मंदिर, 51 शक्ति पीठों में से एक, जो बानेर नदी  के तट पर पश्चिम पालमपुर की ओर लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यह हिमाचल  के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है।

चामुंडा देवी

14वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर है जहाँ पर मंदिर जिले के शाशकों द्वारा  पूजा की जाती थी I पैगोड़ा शैली से निर्मित यह मंदिर अपने चारों ओर  हरियाली भरा मैदान लिये पंडोह के किनारे पर स्थित है I यहाँ से पहाड़ों का  नज़ारा बहुत ही विहंगम है I

पराशर मंदिर

तारा देवी मंदिर, शिमला में स्थित यह शिमला का एक बहुत प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। तारा देवी मंदिर शिमला में सबसे अधिक देखे जाने वाले धार्मिक स्थलों में से एक है ।

तारा देवी मंदिर – शिमला

एक घुमावदार रास्ता माँ छिन्नमस्तिका या चिंतपूर्णी माँ के मंदिर को जाता  है यहाँ माता सभी की इच्छाओं को पूरा करती है I यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ऊना  शहर से 75 कि.मी.और जालन्धर से 100  कि.मी. की  दूरी पर स्थित है I

चिंतपूर्णी

प्राचीन मंदिर होने के कारण बैजनाथ  में बेहद खुबसूरत मंदिर हैI 9वीं  शताब्दी में निर्मित शिखर शैली में यह मूर्तिकला और वास्तुकला का एक अच्छा  मिश्रण हैI भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर काँगड़ा और पालमपुर के नजदीक  स्थित है I

शिव मंदिर बैजनाथ

भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर कुल्लू जिले की एक चोटी पर स्थित है जहाँ से  पार्वती और कुल्लू की घाटियों का नज़ारा लिया जा सकता है I

बिजली महादेव मंदिर

बिलासपुर और किरतपुर (34  कि.मी.) के नजदीक एक शिखर पर बना मंदिर माता नयना  देवी को समर्पित है I हर साल जुलाई-अगस्त में श्रावण अष्टमी को रंगारंग  मेलों का आयोजन किया जाता है I

नैना देवी मंदिर

मंडी हिमाचल प्रदेश की कामरू घाटी स्थानीय देवता 'कमरुनाग' के लिए प्रमुख रूप से प्रसिद्ध है, जिन्हें वर्षा देवता या 'बड़ा देव' कहा जाता है।

कमरुनाग मंदिर

यह दोनों मंदिर शिमला ज़िले के नजदीक स्थित है जहाँ से शिमला की चोटियों का दृश्य दिखाई देता है I

जाखू और संकट मोचन मंदिर

51 शक्तिपीठों में से एक भीमाकली मंदिर  पवित्र स्थल है। यह मंदिर रामपुर बुशहर से करीब 30 किलोमीटर दूर सराहन में  देवी भीमाकली को समर्पित है।  सराहन शहर की खुबसूरत पहाड़ियों में अपनी अनुठी शैली से बना यह मंदिर अपने अंदर शांति और सुकून का आभास करवाता है।

भीमाकाली मंदिर