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हिमाचल प्रदेश के 9 महत्वपूर्ण देवी दर्शन मंदिर

हिमाचल प्रदेश के 9 महत्वपूर्ण देवी दर्शन मंदिर

हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे सुंदर राज्यों में से एक है। हिमाचल प्रदेश अपनी ख़ूबसूरत वादियों और मन मोहने वाले नज़ारों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यहां पर धर्म और आध्यात्मिकता भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश में कई धार्मिक स्थल हैं जो देश और विदेश से आने वाले लोगों को आकर्षित करते हैं। यहां पर आपको बड़ी संख्या में अलग-अलग देवी-देवताओं के मंदिर मिल जाएँगे। यहां पर कई सारे देवी मंदिर भी हैं।

यहां हिमाचल प्रदेश की सुंदर पहाड़ियों में 10 सबसे प्रसिद्ध और आध्यात्मिक देवी दर्शन मंदिरों की सूची दी गई है:

Shakti Peeth Chamunda Devi Temple (चामुंडा देवी मंदिर)

चामुंडा मंदिर| Chamunda Temple

माता चामुंडा मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है। यह मंदिर चामुंडा देवी को समर्पित है। यह बेहद मंदिर प्राचीन है और इसे देखने के लिए बहुत से लोग आते हैं। माता चमुंडा मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। इसके बारे में मान्यता है कि देवी चामुंडा ने यहां तपस्या की थी और यहीं से उन्होंने देवताओं के शत्रु महिषासुर का वध किया था। यहां पर स्थित शक्तिपीठ का नाम भी चामुंडा है।

Jwala Ji Temple Shaktipeeth mystery of flame and chatra

ज्वालाजी मंदिर| Jwalaji Temple

ज्वालाजी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है। यह मंदिर माता ज्वालाजी को समर्पित है। मान्यता है कि माता ज्वालाजी का जलता हुआ ज्वाला देवी का प्रकट होना माँ षष्ठी के अभिषेक के समय हुआ था। इस मंदिर को भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है और यहां पर साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। माता ज्वालाजी मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है और यह हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। हिमाचल प्रदेश का ये मंदिर वाक़ई में देखने लायक़ है।

नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश

नैना देवी मंदिर| Naina Devi Temple

हिमाचल प्रदेश का नैना देवी मंदिर सोलन जिले में स्थित है। नैना देवी को समर्पित इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर में देवी के चश्मे से एक झरना बहता है जो प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होता है। माता नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है और इसके चारों तरफ घने जंगल हैं। नैना देवी मंदिर के आसपास कई चोटियां हैं जिन्हें पर्यटकों के लिए काफी आकर्षक माना जाता है। यह मंदिर उत्तराखंड के माता नैना देवी मंदिर से भी बहुत समान है जो नैनीताल शहर में स्थित है।

Triund Hill (McLeod Ganj) Triund Trek

चिंतपूर्णी मंदिर| Chintpurani Temple

चिन्तपूर्णी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के छोटे से शहर उना में स्थित हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। चिन्तपूर्णी देवी यहां विराजमान देवी हैं जहाँ उन्हें सिर के बिना पिंडी रूप (गोल पत्थर) में दिखाया गया है। मान्यता हैं की अगर कोई भक्त देवी माता की सच्चे मन से प्रार्थना करता है तो चिन्तपूर्णी देवी उसके सभी कष्टों और विप्पतियों को हर लेती है। यह मंदिर माता सती को समर्पित 51 शक्तिपीठ में से एक है जहाँ सदियों से माता श्री छिन्नमस्तिका देवी के चरण कमलों के पूजा करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता हैं।

जंजैहली – शिकारी देवी मंदिर | जिला मंडी

शिकारी देवी मंदिर | Shikari Devi Temple

शिकारी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित है। यह मंदिर शिकारी देवी को समर्पित है। यह मंदिर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के अन्य मंदिरों की तुलना में कम जाने वाले लेकिन स्थानीय लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मंदिर में दर्शन करने के बाद सैलानी हिमाचल प्रदेश के सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यहां से दिखाई देने वाला नजारा अत्यंत खूबसूरत है। ये नज़ारा देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। यहाँ पर आपको सुख और शांति का अनुभव होगा।

हडिम्बा मंदिर | Hadimba Temple

हडिम्बा मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली में स्थित है। इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि महाभारत के समय भी यहां देवी की पूजा की जाती थी। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और यहां सालाना लाखों पर्यटक आते हैं। इस मंदिर की स्थापना राजा बानसी सिंह द्वारा की गई थी जो मंदिर में माँ हडिम्बा की पूजा करते थे। मंदिर के अंदर देवी की मूर्ति स्थापित है जिसे लोग विशेष रूप से नाट्य और संगीत के कारण पूजते हैं। हडिम्बा मंदिर के आसपास आपको प्राकृतिक सुंदरता के लिए कई स्थान देखने को मिलेंगे।

Shri Bhima Kali Ji Temple (श्री भीमा काली जी मंदिर)

भीमाकाली मंदिर| Bhima Kali Ji Temple

हिमाचल प्रदेश के सराहन में भीमाकली मंदिर हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। 51 शक्तिपीठों में से एक भीमाकली मंदिर पवित्र स्थल है। यह मंदिर रामपुर बुशहर से करीब 30 किलोमीटर दूर सराहन में देवी भीमाकली को समर्पित है। काली माता का प्राचिन मंदिर अपने अंदर सुंदरता समेटे हुए है। इसके साथ ही सराहन शहर की खुबसूरत पहाड़ियों में अपनी अनुठी शैली से बना यह मंदिर अपने अंदर शांति और सुकून का आभास करवाता है।

Baglamukhi Temple, Kangra, बगलामुखी मंदिर

बगलामुखी मंदिर| Baglamukhi Temple

ज्वाला जी और चिंतपूर्णी देवी मंदिर के पवित्र मंदिरों के बहुत करीब स्थित यह शक्तिपीठ सभी बुराइयों का नाश करने वाली देवी को समर्पित है। यह मंदिर अपने चमकीले पीले रंग के कारण नीरस पृष्ठभूमि के विपरीत खड़ा है, जो देवी दुर्गा का सबसे पसंदीदा रंग भी है। यहां जिस देवी की पूजा की जाती है, उसे देवी के 10 बुद्धिमान रूपों में से एक के रूप में दर्शाया गया है, जो महिला रूप में एक बहुत शक्तिशाली और आदि शक्ति भी है। इस देवी को समर्पित अन्य मंदिर हिमाचल के अलावा गुवाहाटी और असम में भी स्थित हैं।

Shaktipeeth Shri Bajreshwari Devi Temple, Kangra

वज्रेश्वरी देवी मंदिर | Bajreshwari Devi Temple

वज्रेश्वरी मंदिर वह स्थान है जहां पीठासीन मूर्ति देवी दुर्गा के इस रूप को समर्पित है। शक्ति पूजा का यह प्राचीन स्थान महाभारत काल का है और इसका निर्माण देवी के स्वप्न के बाद पांडव भाइयों ने किया था। हालाँकि इस मंदिर को कई बार लूटा और तोड़ा गया था लेकिन माता रानी के भक्तों और उपासकों द्वारा इसका पुनर्निर्माण कराया जाता रहा। पूरा मंदिर परिसर किले की तरह ऊंची पत्थर की दीवार से सुरक्षित और घिरा हुआ है।

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